इंटरनेट जिसे आज हम सब यूज़ करते है। और आज इसके के माध्यम से दुनिया में किसी को भी अपनी बात पहुँचा सकते या फिर अपनी query सॉल्व कर सकते है इसके वजह से।
क्या आप भी इस चीज को लेकर अक्सर उत्सुक रहतें हैं और सोचतें हैं कि इंटरनेट आखिर क्या है, यह कैसे काम करता हैं, और इसका आविष्कार किसने किया ? तो चलिए इस आर्टिकल में इन प्रशनो का उत्तर जाने।
इंटरनेट क्या है ?
इंटरनेट एक दुसरे से जुड़े कई कंप्यूटरों का जाल है। जो राउटर एवं सर्वर के माध्यम से दुनिया के किसी भी कंप्यूटर को आपस में जोड़ता है। दुसरे शब्दों में कहे तो इंटरनेट पर उपलब्ध डाटा को प्रोटोकॉल द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इंटरनेट पर सूचनाओ के आदान प्रदान करने के लिए TCP/IP ( Transmission Control Protocol/Internet Protocol ) का उपयोग होता है। इंटरनेट पर किसी फाइल को छोटे भागो में फाइल server द्वारा TCP/IP के द्वारा बाँटा जाता है। और इनको पैकेट्स कहा जाता है। इन्टरनेट विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है।
History of Internet
- इंटरनेट का पिता ( Father of Internet ) विंट कर्फ़ ( Vint Cerf ) और रॉबर्ट ई कान ( Robert E. Kahn ) को कहा जाता है। जिन्होंने वर्ष 1950 में इसकी शुरुआत की थी।
- 1957 में रूस ने दुनिया का पहला artificial satellite “Sputnik” लांच कर दिया था। कोल्ड वॉर के समय इस घटना ने एक हलचल पैदा करदी।
- इसके बाद उस ने Massachusetts institute of technology ( MIT ) के साथ मिलकर युद्ध जैसे हालातो से निपटने के लिए एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी ( ARPA ) की स्थापना की ( जिसे अब DAPRA के नाम से जाना जाता है )।
- इन्टरनेट शुरुआत 1960 के दशक में अमेरिका के रक्षा विभाग में अन्वेषण के कार्यो के लिए हुई थी। प्रारम्भ में इसे ARPANET नाम दिया गया। साल 1969 में ARPANet मतलब ( Advance Research project Agency ) नाम का Networking Project लॉन्च किया गया था।
- ARPANET का एक मुख्य उद्देश्य था. कि नेटवर्क का कोई भाग यदि कार्य करना बंद कर दे तब भी नेटवर्क चालू रहे। इस क्षेत्र में जो प्रगति हुई वह नेटवर्किंग रूल्स और प्रोटोकाल्स जिसे TCP/IP ( Transmission Control Protocol/Internet Protocol ) के नाम से संम्बोधित किया गया।
- TCP/IP, प्रोटोकॉल्स का एक समूह होता है जो यह निर्धारित करता है कि नेटवर्क में डेटा किस तरह से ट्रांसफर होगा। साथ ही यह अलग-अलग तरह की ऑपरेटिंग सिस्टमस् ( जैसे DOS व UNIX ) नेटवर्क के द्वारा डेटा शेयर करने की सुविधा देता है।
भारत में कब हुई इंटरनेट की शुरुआत?
- भारत में VSNL ( विदेश संचार निगम लिमिटेड ) द्धारा टेलीफोन लाइन के जरिए भारत में सबसे पहले इंटरनेट का इस्तेमाल 15 अगस्त साल 1995 में किया गया था।
- शुरुआत में देश में करीब 20-30 कंप्यूटर ही इंटरनेट से जुड़ सके थे। इसने दुनिया के दूसरे कम्प्युटरो को भारत के कम्प्युटरो से जोड़ा।
- उस वक्त सिर्फ जरूरी सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता था और सिर्फ कुछ बड़े-बडे़ संस्थानों और कॉलेजों को ही इंटरनेट से जोड़ा गया था।
- 90 के दशक में भारत में इंटरनेट का तेजी से विकास हुआ और इसकी पहुंच देश के कोने-कोने में हो गई। और आज इसका इस्तेमाल हर चीज़ के लिए किया जाता है।
इंटरनेट काम कैसे करता है?
इंटरनेट कम्प्यूटर्स का वर्ल्डवाइड नेटवर्क होता है. जो टेलीफोन वायर्स और सॅटॅलाइट से जुड़ा होता है। हम गूगल पे कुछ भी सर्च करते है। तो वह Google data center से हजारो मिल की दुरी तय करता है। अब यह सवाल आता है की इसे ट्रांसफर कैसे किया जाता है। अब डेटा को डेटा सेंटर से users तक पहुँचने के लिए दो तरीको का इस्तेमाल किया जाता है।
1) Satellite , 2) Optical fibers Cable. Satellite के थ्रू भेजना यह बहोत लम्बा प्रॉसेस है और यूजर को अच्छी स्पीड भी नहीं मिल पाती।
इसलिए दूसरे तरीके का इस्तमाल किया जाता है. पूरी दूनिया में इन केबल्स का जाल भिछाया गया है, optical fibers से डेटा, लाइट सिग्नल के जरिए भेजा जाता है।
इंटरनेट ऑप्टिक फाइबर केबल के द्वारा चलता है। जिनको Submarine Communications Cable के नाम से भी जाना जाता है। जो पूरी दुनिया में समुद्र में बिछी हुई है। और इन केबल के माध्यम से सारे देशो के सर्वर को कनेक्ट किया जाता है। ये केबल बहुत ही पतली होती है और एक-एक केबल में लगभग 100 GBPS से भी ज्यादा की स्पीड होती है।
Wireless Internet
अगर आप वायरलेस इंटरनेट का उपयोग करते है। तो आपके आस-पास का जो भी मोबाइल टावर लगा होता है। वो इस केबल से कनेक्ट रहता है। और फिर टावर पर लगे एंटीना द्वारा आपको सुचना प्रदान की जाती है।
- जब भी आपका कंप्यूटर इंटरनेट सर्विस से कनेक्ट होता है। उस वक़त जो भी आपका इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है, जैसे कोई टेलीकम्यूनिकेशन कंपनी या इंटरनेट प्रोवाइड करने वाली कंपनी। सरवर को कनेक्ट करता है। जिसे (ISP) कहते है। और उस इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर का सर्वर, ब्राउज़र की सहायता से इंटरनेट से जुड़ जाता है।
- एक (ISP) सरवर से काफी सारे सरवर कनेक्टेड होते है।
- (ISP) को, जिस किसी के ब्राउज़र से जो भी रिक्वेस्ट मिलती है। जैसे ( ईमेल चैक करना , फ़ोटो डाउनलोड करना इत्यादि ) तो सरवर के पास कोई भी इन्फॉर्मेशन नहीं होती, उस समय सरवर, इंटरनेट के बाकि सरवर से जुड़ जाता है। इंटरनेट सरवर वो इनफार्मेशन पर्टिकुलर उस Gmail या सरवर से जुड़ जाता है, उसे Host Server भी कहते है।
- डेटा सरवर के सेंटर में एक IP address भी होता है. सरवर एक वेबसाइट को संग्रहित करता हे इसलिय आप सरवर के IP address को जानकर किसी भी वेबसाइट का उपयोग कर सकते है। इतने सारे IP address याद रखना सम्भव नहीं है, इसलिय इनके Domain Name रखे गए है।
(IP Address). (Domain Name).
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