Facebook changed the name, It Meta

क्या है Metaverse, Facebook जिसे इंटरनेट के भविष्य के रूप में देख रहा है।

सोशल मीडिया जाएंट Facebook के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने हाल ही में सोशल नेटवर्क और इंटरनेट में बदलाव की बात कही। इसमें उन्होंने Metaverse का जिक्र किया, जिसके बाद दुनियाभर में इसकी जोर-शोर से चर्चा होने लगी कि आखिर ये है क्या? दरअसल जकरबर्ग ने कहा, “मैं इस पर अभी चर्चा करना चाहता था। ताकि आप देख सकें कि हम भविष्य की ओर काम कर रहे हैं और हम इसके लिए कौन से बड़े कदम उठाने जा रहे है।”

Mark Zuckerberg ने हाल के दिनों में ये ऐलान किया था कि हम एक सोशल मीडिया कंपनी से आगे बढ़कर ‘metaverse‘ कंपनी बनेंगे और Embedded Internet’ पर काम करेंगे। जिसमें प्राकृतिक और आभासी दुनिया को पहले से अधिक कनेक्ट कर पाएंगे। इसका सीधे अर्थों में मतलब है कि आप ऐसी चीजों को देख पाते हैं जो आपके सामने हैं ही नहीं। 

‘Metaverse मोबाइल इंटरनेट का होगा सक्सेजर’

• Facebook के मालिक मार्क जकरबर्ग ने बताया कि Metaverse मोबाइल इंटरनेट का ही सक्सेजर है, इसके जरिए लोग रियल टाइम में अपने दोस्तों के साथ हैंग आउट कर सकेंगे।

• जकरबर्ग के मुताबिक Facebook उनकी कंपनी ऐसे गैजेट्स बना रही है जिसमें यूजर्स ऐप्स, फोन और पीसी के जरिए Metaverse को एक्सेस कर सकेंगे।  

क्या है Metaverse?

• Metaverse को अगर आसान भाषा में समझें तो ये ऐसी वर्चुअल दुनिया होगी, जिसमें कंप्यूटर इफेक्ट के जरिए लोगों को कई तरह की फैसिलिटी दी जाएंगी और लोग घर बैठे ही वर्चुअल तरीके से पूरी दुनिया घूम सकेंगें।

• माना जाता है कि यह शब्द नील स्टीफेंसन ने अपने 1992 के उपन्यास ‘स्नो क्रैश’ में गढ़ा था। उन्होंने इसे एक आभासी दुनिया के रूप में संदर्भित किया था।

• फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने दावा किया है आने वाले पांच सालों में फेसबुक को पूरी तरह वर्चुअल दुनिया में बदलने की कोशिश करेंगे, जिससे लोग एक जगह पर न होते हुए भी दूसरे लोगों की उपस्थित को महसूस कर पाएंगे।

• कुछ मायनों में यह पॉपुलर साइंस फिक्शन फिल्म द मैट्रिक्स में कैरेक्टर नियो की तरह यूजर्स के एक्सपीरिएंस को रियल बना देगा।

इससे मिलेगी मदद

• Facebook के Oculus डिवीजन जिसे Augmented Reality (AR) और Virtual Reality (VR) जैसी टेक्नोलॉजी का एक्सपर्ट माना जाता है, वह इस Metaverse को डेवलप करने में काफी मदद करता नजर आएगा। जिस तरह से इसके बारे में बताया जा रहा है, ऐसा लग रहा है कि आने वाले सालों में इंटरनेट की दुनिया काफी बदलने वाली है।

• एफबी ने ऐलान किया कि वह वर्चुअल (आभासी) दुनिया बनाने के लिए अगले पांच साल में यूरोपीय संघ (ईयू) में 10,000 लोगों को नियुक्त करने की योजना बना रही है। कंपनी ने इससे पहले सितंबर में मेटावर्स बनाने के लिए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर्स का वचन दिया था, जहां Roblox Corp और “Fortnite” बनाने वाली एपिक गेम्स जैसी कंपनियां शुरुआती पायदान पर हैं।

फेसबुक के पास हैं दुनिया की बेहतरीन लैब क्षमता

• मेटावर्स बनाने की दिशा में फेसबुक आगे बढ़ सकती है, उसके पास पर्याप्त संसाधन है।

• फेसबुक का कॉर्क आयरलैंड में एक रियलिटी लैब है। वहीं उसने फ्रांस में एक AI (ऑग्मेंटेड रियलटी) रिसर्च लैब भी ले रखी है।

• 2019 में फेसबुक ने AI एथिकल रिसर्च सेंटर बनाने के लिए म्यूनिख की टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के साथ समझौता किया है। वहीं फेसबुक अगले कुछ सालों में जिन लोगों को नौकरी देगी उनमें हाईली स्पेशलाइज्ड इंजीनियर्स शामिल होंगे।

एक वैकल्पिक दुनिया

एक मेटावर्स को दो भागों में बांटा जा सकता है। उनमें से एक एनएफटी और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके ब्लॉकचेन-आधारित मेटावर्स के निर्माण से जुड़ा है। कुछ उदाहरण Decentraland और The Sandbox हैं, जो लोगों को जमीन के आभासी पार्सल खरीदने और अपना वातावरण बनाने की अनुमति देते हैं। एक और सरल, आभासी दुनिया है जहां लोग एक-दूसरे से मिल सकते हैं और बधाई दे सकते हैं। फेसबुक इस वर्जन को बनाने की दिशा में काम कर रहा है।

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