बहोत बार हमने फिक्शन मूवीज में देखा होता है की सोचने भर से डिवाइस व गैजेट्स को ऑपरेट किया जा सकता है। और रियल लाइफ में कभी ना कभी एन्हे इमेजिन करते हैं। तो यह असंभव लगने वाली चीज़ विज्ञान की वजह से संभव हो गयी हैं। दुनिया के मशहूर बिजनेसमैन Elon Musk ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं।
न्यूरालिंक एक ऐसा device है जिसे surgically मस्तिष्क में implanted किया जाएगा। Neuralink डिवाइस से दिमाग में आए विचार से फ़ोन व गैजेट्स को बिना छुए ऑपरेट किया जा सकता है।
ब्रेन इम्प्लांट टीकोलॉजी नई नहीं है। बहोत समय से इसपे काम व एक्सपेरिमेंट हो रहे है। इसका उदाहरण Stephen Hawking उनकी व्हील चेयर भी इसी मॉडल पर डिजाइन थी।
तो चलिए समझते है न्यूरालिंक चिप के बारे में :-
क्या है Elon Musk की Neuralink टेक्नोलॉजी?
- Neualink एक कंपनी है -जो की 2016 में आई जिसके फाउंडर Elon Musk है। यह कंपनी गैजेट्स बनाती है और जो गैजेट व टेक्नोलॉजी बनाती है उसे न्यूरालिंक के नाम से जाना जाता है।
- न्यूरालिंक एक ऐसा गैजेट है जिसे न्यूरोसर्जन द्वारा रोबोटिक्स का उपयोग करके surgically मस्तिष्क में डाला जाएगा। इस प्रक्रिया में, लिंक नामक एक चिपसेट skull में implanted किया जाएगा। इसमें इलेक्ट्रोड से जुड़े कई इंसुलेटेड तार होते हैं जिनका उपयोग प्रक्रिया में किया जाता है।
- Neuralink chip एक ब्रेन चिप है जिससे ब्रेन में इप्लांट किया जाएगा। यह डिवाइस बेहद छोटी होगी और ये बैटरी से ऑपरेट होगी। इसमें इस्तेमाल होने वाले तार इंसान के बालों से भी कई गुना पतले होंगे। इस चिप का साईज 4x4mm है। इस डिवाइस क़े आने के बाद दिमाग़ हमेशा कंप्यूटर से कनेक्टेड रहेगा।
- चिप वाईफाई और ब्रॉडबैंड से कनेक्ट होनी चाहिए उसी समय यह काम करेगी।
तो आइये समझते है, न्यूरालिंक चिप काम कैसे करेगा :-
Neuralink ब्रेन चिप कैसे काम करता है?
यह समझने से पहले कि न्यूरालिंक कैसे काम करता है, मानव मस्तिष्क के पीछे के विज्ञान को समझना होगा। मस्तिष्क में न्यूरॉन्स होते हैं जो muscle, nerve, gland और अन्य न्यूरॉन सैल्स सहित शरीर में सैल्स को संकेत भेजतें हैं। प्रत्येक न्यूरॉन तीन भागों से बना होता है जिसे डेंड्राइट, सोमा (cell body) और axon कहा जाता है। प्रत्येक भाग का अपना कार्य है।डेन्ड्राइट संकेत प्राप्त करता है। सोम इन संकेतों को प्रोसेसेज करता है। axon तब संकेतों को अन्य सेल्स तक पहुँचाता है।
न्यूरॉन्स एक दूसरे से Synapses द्वारा जुड़े होते हैं जो न्यूरोट्रांसमीटर छोड़ते हैं। इन chemical substances को फिर दूसरे न्यूरॉन सेल के डेंड्राइट में भेजा जाता है, जिससे न्यूरॉन्स में करंट का प्रवाह होता है। न्यूरालिंक का हिस्सा इन इलेक्ट्रिकल सिगनल्स के संकेतों को पढ़ेंगे जो मस्तिष्क में कई न्यूरॉन्स द्वारा उत्पादित होते हैं।
(उदाहरण कोई भी गरम चीज़ बॉडी पे टच होते ही न्यूरॉन्स ब्रेन को सिग्नल भेजते है और ब्रेन एक्शन लेता है। उसी तरह यह डिवाइस भी न्यूरॉन के सम्पर्क में आके काम करेगा। )
कंपनी के मुताबिक, डिवाइस को सीधे ब्रेन में इंप्लांट किया जाएगा। क्योंकि इसे सिर के बाहर रखने से ब्रेन द्वारा पैदा होने वाले सिग्नल्स का सही तरह से पता नहीं कर पाएँगे।
Neuralink ब्रेन चिप कैसे लाभ्दायक हो सकता है?
- न्यूरालिंक का उपयोग encephalopathy ( अर्थात जो की skull की बीमारी होती है। ) को ऑपरेट करने के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग मानव मस्तिष्क और टेक्नोलॉजी के बीच संबंध के रूप में भी किया जा सकता है।
- इसका मतलब है कि पैरालिसिस(लकवा) से पीड़ित लोग अपने फोन और कंप्यूटर को सीधे अपने दिमाग से आसानी से ऑपरेट कर सकते हैं।
- इस तकनीक क़े ज़रिए इंसान के दिमाग़ को कंप्यूटर से जोड़ा जाएगा। यह चिप इंसान के दिमाग़ के जरिए ब्रेन डिसार्डर के साथ साथ Artificial intelligence का भी काम करेगी।
- अगर यह टेक्नोलॉजी पूरी तरह सक्सेसफुल रही तो यह लाभ्दायक रहेगी बड़ी डिजीज – जैसे Alzheimer’s और Parkinson’s के लिए। जो भी चीज़ डिजिटली ऑपरेट होती है जैसे कार से लेकर लाइट ऑन/ऑफ, door ओपन ब्रेन में विचारसे ऑपरेट हो पाएगा।
- हालांकि, न्यूरालिंक केवल यहीं तक सीमित नहीं है, इसका उपयोग चित्र बनाने, तस्वीरें लेने और अन्य गतिविधियाँ करने के लिए भी किया जा सकता है।
- Artificial intelligence और 3 D print के बाद, यह सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी है।
Neuralink ब्रेन चिप – Trail and Test
Elon Musk की न्यूरालिंक कंपनी ब्रेन चिप को अब अगले स्टेज में ले जाने के लिए तैयार है. इससे पहले सुअर और बंदर पर इसका ट्रायल किया जा चुका है।
इस ट्रायल में एक 9 साल के बंदर में चिप लगाई गई थी, जिससे वह केवल माइंड से ही वीडियो गेम खेल पा रहा था। कंपनी के द्वारा विडिओ रिलीज़ मे देखा गया। एलन मस्क का कहना था कि, ह्यूमन पर इसका ट्रायल 2022 में शुरू होगा।
Elon Musk के स्टार्टअप Neuralink ने Clinical Trial Director के लिए जॉब पोस्ट किया है। जिस पोस्ट के लिए ये जॉइनिंग की जा रही है उसमें कहा गया कि ये पद वैसे कैंडिडेट के लिए है जो मिशन को समझते हो तथा ऊपर और आगे के लिए इच्छुक और उत्सुक” हैं। Clinical Trial Director कैंडिडेट को सबसे ज्यादा इनोवेटिव डॉक्टर्स और टॉप इंजीनियर्स के साथ काम करना होगा।
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